इन प्रश्नोत्तर के द्वारा डॉ. श्री हर्ष हमे समझाते है कॉस्मेटिक सर्जरी के बारे में जिसका लाभ आप ले सकते है। डॉ. श्री हर्ष जानकारी देते है रहिनोप्लास्टी, ब्लेफ्रोप्लास्टी, लिपोसक्शन, हेयर ट्रांसप्लांट और कई और ऐसी कॉस्मेटिक सर्जरीज़ के बारे में। जानिये कुछ ऐसे सवालो के जवाब जो कॉस्मेटिक सर्जरी के बारे में आपके मन में उठ सकते है।
कॉस्मेटिक सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी का वह हिस्सा है जिसमे हम अपने स्वरुप को और बेहतर करने का प्रयास करते है. इसमें हमारी कुछ चीज़े जन्म से होती है, कुछ चीज़े अक्वायर्ड होती है, कुछ चीज़े लाइफस्टाइल के वजह से हमारे शरीर में बदलाव लाती है. किसी भी कारण जो भी बदलाव हुए है उनको ठीक करने के लिए, उनको अपने स्वरुप में और बेहतर करने के लिए जिस सर्जरी का हम हेल्प लेते है, उसको कॉस्मेटिक सर्जरी कहा जाता है.
जैसा एक्सपोज़र है लोगो का, उन्हें ये लगता है की प्लास्टिक सर्जरी सिर्फ कॉस्मेटिक सर्जरी है. प्लास्टिक सर्जरी एक बहुत वाइड स्पेशिलिटी है जिसमे हम बर्न्स ठीक करते है, कंजेनिटल अनोमालिएस जैसे कटे तालु, कटे होंठ, इनका ट्रीटमेंट करते है,नई फेसिअल मलफोर्मेशन का ट्रीटमेंट करते है साथ ही इसमें रिकंस्ट्रक्शन का बहुत काम होता है, जैसे की एक्यूट ट्रौमे के बाद कुछ कटे हुए निशान ठीक करना, कटे हुए अंग होते है जैसे हाथ या ऊँगली, उसको वापस इम्प्लांट करना, यह भी प्लास्टिक सर्जरी में आता है. ऑनको सर्जरी के बाद डेफेहुए डिफेक्ट्स को वापस पुनर निर्माण करने का काम भी प्लास्टिक सर्जरी में होता है. प्लास्टिक सर्जरी का एक हिस्सा है माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी जिसमे हम शरीर के एक हिस्से से कुछ टिश्यू लेकर माइक्रोस्कोप के निचे से दूसरे हिस्से में जाकर जोड़ते है. तो ये ब्रॉडली रिकंस्ट्रक्शन का भाग हुआ. कॉस्मेटिक सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी का एक ऐसा हिस्सा है जो आपको और सूंदर दिखने के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे कॉस्मेटिक सर्जरी कहा जाता है.
कॉस्मेटिक सर्जरी हम अपने सर के बालो से शुरू करे, तो जैसे जैसे बाल झड़ते है अनुवांशिक करनो से, तो उसका जो इलाज है ट्रांसप्लांट कहा जाता है. उसे हम सर के एक हिस्से से बाल निकाल कर, आगे वाले हिस्से में या जहा भी बालो की कमी है उसको लगाया जाता है। ये दो तरीको से किया जाता है, फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसफर या फॉलिक्युलर यूनिट एक्ट्रक्शन। यहाँ पे हम दोनो तरीको को मिलकर करते है. दोनों ही तरीके सेफ है.
और हम आज देखे तो हमारे ढलती उम्र के साथ जो चेहरे में बदलाव आये हुए होते है जैसे माथो की झुर्रिया आना तो उसे हम एड्रेस कर सकते है बोटॉक्स की सहायता से। जो बाहरी तरफ माथा होता है, उसको और लिफ्ट करने के लिए फॉगलेस लिफ्ट का हम उपयोग कर सकते है. ऑय ब्रोव्स के लेटरल भाग को महिलाये और ऊपर करती है मेक उप करते समय, उसको सर्जिकली भी किया जा सकता है अगर आप उसको परमानेंटली करना चाहते है ब्रोपेक्सी के जरिये। उपरी और निचली पलकों में उम्र के साथ आये बदलाव को ट्रीट करने के लिए हम ब्लेफ्रोप्लास्टी का उपयोग करते है. इसमें ऊपरी पलकों को ठीक करने के लिए थोड़ा स्किन का एक्सट्रैक्शन और फैट की ग्राफ्टिंग का नया कांसेप्ट आया है। निचली लिड में जो थकान वाला लुक आता है, जिसे हम बैगी लिड्स कहते है, हम ट्रांस कंजक्टीवाल ब्लेफ्रोप्लास्टी करते है जहा सामने से कोई भी स्कार नहीं दीखता। नाक की सर्जरी के लिए, जिनकी टेढ़ी नाक होती है, नाक में चौड़ा पन की टिप में अगर आपको सुधर चाहिए, या आपके नाक से सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इन सब को सुधरने के लिए हम ओपन रहिनोप्लास्टी करते है. इससे नाक का स्वरुप और बेहतर होता है. उम्र से आये हुए बदलाव से जो पतली झुर्रिया होती है, उनको सुधरने के लिए हमारे पास न सिर्फ फैट ग्राफ्टिंग है बल्कि उसके आलावा केमिकल पील का भी सहारा ले सकते है और जो तीन प्रमुख कारन होते है एजिंग के जो हमारे चेहरे में झलकते है उसमे मूल्यता चेहरे के कुछ हिस्से से फैट का लोस्स होना, चेहरे में समास की जो लेयर होती है सुपरफिशल मस्कुलर अपोन्यूरोटिक सिस्टम उसका लैक्स होना और स्किन के टेक्सचर में आये हुए बदलाव. इन तीन्हो चीज़ो को हम अलग अलग अड्रेस करते है। इन तीन्हो चीज़ो में जो वॉल्यूम का लोस्स हुआ है उसे फैट ग्राफ्टिंग के मदत से सुधारा जा सकता है , जो टेक्सचर में बदलाव है उसको हम या केमिकल पील या लेज़र की मदत से सुधर सकते है और को समास की लज़ी है उसको करने के लिए फेस लिफ्ट ऑपरेशन का इस्तेमाल कर सकते है। में यहाँ पे मैक्स फेस लिफ्ट करता हु जिसे एक छोटे से स्कार के जरिये फेस लिफ्ट किया जा सकता है। इससे आपकी झुर्रिया और गर्दन की भी झुर्राया होती है, दोनों को एक साथ सुधार सकते है। बहुत सेफ प्रोसेस होती है. इसके साथ उम्र से गर्दन में आये हुए बदलाव को सुधरने के लिए हम नैक लिफ्ट का सहारा ले सकते है. महिलाओ में ब्रैस्ट ऑग्मेंटेशन और ब्रैस्ट रिडक्शन का जो ऑपेरातिओं है वह बहुत ही प्रचलन में है. ऑग्मेंटेशन दो तर्कों से किया जा सकता हहै. या इम्प्लांट के जरिये या अपना खुदका जो फैट है सइस्तामल करके फैट ग्राफ्टिंग के जरिये। इम्प्लांट के जरिये बहुत कॉमन है और बहुत संतोषजनक रिजल्ट आता है. फैट ग्राफ्टिंग का फायदा ये होता है के आप अपना खुदका टिश्यू उसे करते हाइपर उसमे ऑग्मेंटेशन सिमित होता है जैसे एक कप साइज पर उसके अपने फायदे है. लिपोसक्शन के द्वारा हम अपने शरीर की जो अतिरिक्त चर्बी है जो बहुत व्यायाम करके भी नहीं हटता, उसको सुधरने के लिए लिपोसक्शन की सर्जरी है. पुरुषो में गयनेकोमास्तिआँ की जो प्रक्रिया है जिसे मेल ब्रैस्ट सर्जरी भी कहा जा सकता है, उसे भी लिपोसक्शन के द्वारा और मम्मारी ग्लांड्स को एक्साइज करके उसको सुधर सकते है. एब्डोमिनल प्लास्टी के दजरिये हम प्रेगनेंसी, उम्र या बहुत ज्यादा वेट लोस्स के बाद आयी हुई स्किन लसिटी जो पेट में होती है उसको सुधारा जा सकता है। इसमें न सिर्फ पेट की त्वचा को टाइट किया जा सकता है बल्कि अंदर से मासपेशियो को भी टाइट कर सकते है। महिलाओ में आजकल प्रचलन है फीमेल एस्थेटिक जेनिटल सर्जरी जिसमे प्रेगनेंसी और लेबर के वक्त आये हुए बदलाव को वैजिनल टिघटॅनिंग के जरिया या फिर लबीओप्लास्टी के जरिये ठीक कर सकते है।
लिपोसक्शन के जरिये हम शरीर के जो चर्बी वाले सेल्स होते है जिन्हे ादीपोसे सेल्स कहा जाट है उसे हमेशा के लिए हिला देते है. ये ऑपरेशन जनरल एनेस्थीसिया के द्वारा किया जाता है पर अगर छोटासा ऑपरेशन हो तो लोकल एनेस्थीसिया है सहारा भी लिया जाता है। इसमें २ से ३ मम के छेद बनाये जाते है और उसके जरिये बारीक़ कैमरा अंदर डालके अतिरिक्त चर्बी को बाहर निकला जाता है। इस ऑपरेशन के रिजल्ट काफी संतोषजनक होते है और ऑपरेशन के पश्चात् हम मरीज़ो को बताते है कुछ दिन कम्प्रेशन गारमेंट पहने। इससे जो भी आकर दिया जाता है वह उसी तरीके से स्थापित रहे।
जैसे लोगो में अवेयरनेस बढ़ रहा है, जैसे लोगो को पता चल रहा है; जैसे यह इंटरव्यू युग है, बहुत जवान लोग हमारे यहाँ आते है। माता-पिता खुद अपने बच्चो को लेकर आते है जैसे बैट- इयर्स की समस्या हो तो ,कान के आकार में सुधर करने के लिए जो ७ से ८ साल बाद किया जा सकता है। रहिनोप्लास्टी की जाती है क्लेफ्ट-लिप सुधारने के लिए जिसका वयोगट १५ साल के बाद होता है. महिलाओ में भी ब्रैस्ट ऑग्मेंटेशन या फेसिअल रेजुविनाशन की जो सर्जरी होती है इसके लिए बहुत जवान औरते आती है। जैसे उम्र बढ़ती है वैसे त्वचा में आये हुए बदलाव को सुधरने के लिए फेसिअल रेजुविनाशन या हेयर लोस्स के लिए बहुत मिडिल एज्ड मरीज़ आते है।
कॉस्मेटिक सर्जरीज़ के साइड इफेक्ट्स को मरीज़ के परिपेक्ष में देखा चाहिए. मरीज़ो को क्या उम्मीद है सर्जरीज़ से। क्या इन उम्मीदों को पूरा कर सकते है? कैसे कर सकते है? ये सारे जरिये हमे देखने चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो संतोषजनक रिजल्ट नहीं आता। कॉस्मेटिक सर्जरीज़ से मरीज़ो की उम्मीदे वास्तविक होनी चाहिए। इसमें फायदे और नुकसान यही होते है की कॉस्मेटिक सर्जरीज़ से वास्तविक रूप में बहुत बदलाव आता है। जैसे रहिनोप्लास्टी में बिलकुल छोटासा बदलाव आपके चेहरे के आकर में, भाव में, आत्मविश्वास में बहुत बड़ी मात्रा बदलाव आता है। अगर आप नुक्सान के बारे में बात करे तो हर सर्जरी में कोई न कोई रिस्क जरूर होता है। पर एक अच्छे सेंटर में और एक ट्रेंड डॉक्टर से आप जब करवाते है तो ये साड़ी चीज़े बहुत घट जाती है।
जब भी हमारे यहाँ मरीज़ आते है, हम कोशिश करते है यहाँ समझना की उनकी समस्या क्या है। इन समस्या पर ध्यान देना जरूरी होता है। कई बार मरीज़ दुविधा में होते है जैसे उन्हें नाक में भी बदलाव चाहिए, चेहरे पे भी चाहिए , उम्र बढ़ रही है, इत्यादि। कई बार हमे उनकी सहायता करनी पड़ती है उस चीज़ को पॉइंट करने में जिसपर हकाम करने से मरीज़ के देखरेख में सुधार आएगा। कई बार उन्हें इस चीज़ पर कौंसिल करते है। कॉस्मेटिक सर्जरी में काउंसलिंग बहुत महत्वपूर्ण है। सर्जरी के लाभ, उससे आने वाले बदलाव, उसके फायदे, ऑपरेशन के बाद उसका कैसा स्वरुप रहेगा यह सब उन्हें समझाना पड़ता है। कॉस्मेटिक सर्जरी के पहले ये जरूरी है की हम मरीज़ का मेडिकल इतिहास समझे, ये समझने के लिए विटामिन इ के बारे में, या फिर कोई लम्बे समय से धूम्रपान करता हो, या क्रोनिक अल्कोहलिक हो, या ड्रग्स लेता हो, ये सब जानना बहुत महत्वपूर्ण है क्युकी ये साड़ी चीज़े ऑपरेशन के बाद हमे परिशानी में दाल सकते है। निकोटीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से चाहे वो धूम्रपान हो या तम्बाकू हो, ऑपरेशन के बाद के रिजल्ट में वह परेशानी निर्माण करता है।तो ये सारी चीज़े कॉस्मेटिक सर्जरी के पहले बंद हो जानी चाहिए और अगर मरीज़ ऐसा नहीं कर रहे तो हमारा ये दाइत्व बनता है इन सब चीज़ो के बारे में वार्न करे की अगर ये चालू रखेंगे तो या सर्जरी को बाद में करे या नुक्सान के लिए तैयार रहे। ऑपरेशन के पश्चात् जो भी रिस्क होते है उको हम एड्रेस करते है जैसे अगर बहुत ओबीस मरीज़ हो तो डीप वीन थ्रोम्बोसिस न हो, उसकी प्रोफाइल एक्सेस होती है, चाहे कम्प्रेशन गारमेंट्स का जो उसे है वह पे लिपोसक्शन के बाद में शरीर का आकर मेन्टेन रहता है, चाहे वो कूलिंग का पार्ट हो ज हम यंत्र और पोस्ट ऑपरेटिव पार्ट में करते है, ऐसे जो भी हम बताते है आफ्टरकेयर के बारे में , इन सब चीज़ो का महत्व होता है अगर इन साड़ी चीज़ो पर ध्यान दिया जाए तो कॉस्मेटिक सर्जरी का रिजल्ट बहुत संतोषजनक होता है।
नियमित रूप से ताज़े फल खाये . बैलेंस डाइट का बहुत महत्व होता है प्री ऑपरेटिव और पोस्ट ऑपरेटिव केयर में। जैसे काफी मरीज़ पूछते है की लिपोसक्शन करवाने के बाद वापस तो चर्बी नहीं आएगी? उसका उत्तर है के हमने निश्चित आपके फैट सेल्स घटा दिए है पर अगर आप खाने में बदलाव नहीं लाएंगे, लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं लाएंगे तो निश्चित है की आपकी जो उम्मीदे है पोस्ट ऑपरेशन, वह ४ से ६ महीने में फिरसे लिपोसक्शन की जरूरत पद सकती है।
कॉस्मेटिक सर्जरी में डर इस लिए है क्योकि बहुत सारे सेंटर्स ऐसे है जहा अनट्रेंड लोग ये प्रोसीजर करते है। ये बहुत दुःखद है के लोग इन अनट्रेंड लोगो से करवाते है क्योकि कम कॉस्ट में होता है छोटे सेंटर में। अनट्रेंड लोगो से सर्जरी की जाए तो उसके कॉम्प्लीकेशन्स बहुत ख़राब होते है। मेरा अनुरोध यही है के आप सर्जरी जब भी प्लान करे तब आप इस बात पे ध्यान दे के जो भी सर्जन है उसके बारे में पता करे के वह क्वालिफाइड है की नहीं। सेंटर को भी ठीक से देखे जहा सर्जरी हो रही है क्योकि हर सर्जरी का हिस्सा होता है पोस्ट ऑपरेटिव सर्जरी और यंत्र ऑपरेटिव जो मैनेजमेंट होता है, जो एनेस्थीसिया टीम है वह इतनी क्वालिफाइड है जो बहुत से कठिन केसेस को भी आसानी से हैंडल कर सकती है। इसलिए जब आप इस प्रोसीजर के बारे में सोचे तो ये चीज़े अपने दिमाग में रखे। बहुत जरुरी है की आप एक सर्टिफाइड क्लिनिशन से प्रोसीजर करवाए और अच्छे सेंटर में करवाए जिसकी वजह से कम्प्लीकेशन रेट बहुत काम हो जाते है।